Monday, September 1, 2025
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जयपुर पुलिस की वेबसाइट हैक करने वाला 10वीं पास जालसाज गिरफ्तार… पुलिस के नाम पर टेलीकॉल कंपनियों से करता था अवैध वसूली

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ऐसे साइबर ठग को गिरफ्तार किया है, जिसने राजस्थान पुलिस की वेबसाइट को ही हैक कर लिया था और उसके बाद ठगी की वारदात करनी शुरू कर दी थी। आरोपित सौरभ साहू पर राजस्थान पुलिस ने 50,000 हजार का इनाम भी घोषित किया हुआ था। दिल्ली पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करने के बाद उसको जयपुर के साइबर क्राइम पुलिस के हवाले कर दिया गया है।

जासूसी कंपनियों के लिए करता था काम

साइट हैक करने के बाद आरोपी जयपुर पुलिस के नाम से बैंकों को मेल भेजकर लोगों के विवादित बैंक खातों को फ्रीज करवा देता था। इसके बदले मोटी रकम ऐंठ लेता था। आरोपी पुलिस के नाम से टेलीकॉल कंपनियों को मेल भेजकर सीडीआर निकलवाता था। इस सीडीआर को ये जासूसी कंपनियों को देकर मोटी रकम लेता था। जयपुर पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम रखा हुआ था। दिल्ली, मुंबई, ठाणे और हैदराबाद पुलिस अवैध हैकिंग और सीडीआर लेने के आरोप में इसे पहले गिरफ्तार कर चुकी हैं।

अपराध शाखा के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल के अनुसार, सोहैब शरीफ खान नाम के एक व्यक्ति ने साइबर क्राइम, राजस्थान पुलिस को छह मार्च 24 को सूचित किया कि आईसीआईसीआई बैंक में उसका बैंक खाता राजस्थान पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट से मेल भेजकर फ्रीज कर दिया गया है।

पता चला कि उक्त ईमेल आईडी में ढेर सारे जंक मेल, स्पैम मेल और डिलीट किये गये मेल हैं। ऐसे कई ईमेल पाए गए, जिनमें किसी अज्ञात व्यक्ति ने अनधिकृत तरीके से उक्त ई-मेल आईडी तक पहुंच बनाई और बैंक खातों के धारकों के बारे में निजी जानकारी जैसे मोबाइल नंबर, बैंक खातों के लेनदेन विवरण और उनके आईपी लॉग लिए।

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10वीं पास है हैकर
गाजियाबाद, यूपी निवासी आरोपी सौरभ साहू 10वीं कक्षा तक पढ़ा है। उसका एक निजी पालतू पशु देखभाल व्यवसाय भी था। 2013 से 2015 तक, उसने अप्पिन इंडिया, पीतमपुरा में काम किया, जहां उसने कंप्यूटर प्रशिक्षण लिया। इसके बाद कंपनी के कुछ परिचितों से सीडीआर प्राप्त करने का तरीका सीखा।

जासूसी कंपनियों के लिए करता था काम
आरोपी ने कुछ जासूसी एजेंसियों के साथ सांठगांठ की, जिन्होंने कथित तौर पर कॉल डेटा रिकॉर्ड (सीडीआर) और अन्य व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइटों को हैक करने, बैंक खातों को फ्रीज करने में उसकी मदद की। इसके एवज में ये ग्राहकों से 15 हजार से 20 हजार रुपये वसूलता था।

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