Thursday, July 3, 2025
Homeराजनीतिअडानी के बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने सरकार ने बिजली दर में...

अडानी के बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने सरकार ने बिजली दर में वृद्धि किया – धनंजय सिंह

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सरकार ने सरकारी बिजली कंपनियों के बिजली दरों में वृद्धि करके अडानी के बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने का षड्यंत्र रचा है। बिजली दर में वृद्धि और बिजली कटौती एक षड्यंत्र है ताकि उद्योगपति हताश और परेशान होकर निजी बिजली कंपनियों की ओर रुख करने मजबूर हो जाए और इसका सीधा लाभ अडानी के बिजली कंपनी को मिलेगा।

अडानी रायगढ़ और रायपुर के अपने थर्मल पावर बिजली उत्पादन संयंत्र की क्षमता 2400 मेगावाट से वृद्धि करने की प्रक्रिया में काम कर रहा है और उसकी मदद भाजपा की सरकार कर रही है। उद्योगपतियों को मिलने वाले सरकारी बिजली का दर 7.60 रुपए से ज्यादा है जबकि अडानी की बिजली कम्पनी 6 रु से कम दर पर प्रति यूनिट बिजली सप्लाई करेंगी। यह सीधा-सीधा षड्यंत्र सरकारी बिजली कंपनी को खत्म करने और निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए किया जा है।

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा सरकार बनने के बाद बिजली कटौती आम बात हो गई है और बिजली दर में वृद्धि करके पूरे प्रदेश के जनता और उद्योगपतियों को परेशान किया जा रहा है। बिजली दर में वृद्धि से उद्योगपतियों के सामने दोहरी चुनौती है एक पहले ही उद्योग महंगाई और मंदी से जूझ रहा था। अब बिजली दर में वृद्धि होने से लागत मूल्य में वृद्धि हो गया है जिसका सीधा-सीधा असर लोहा सीमेंट अन्य उत्पादों के दाम में वृद्धि होगा। जिसके चलते मंदी और महंगाई बढ़ेगी और उद्योगों में तालाबंदी की स्थिति निर्मित हो जाएगी।

यह भी पढ़ें :- राजस्व पखवाड़ा: 88 राजस्व शिविरों में 57 सौ से अधिक आवेदनों का हुआ निराकरण

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने राज्य सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य सरकार जनहित में बिजली दर में की गई वृद्धि को तत्काल वापस ले। बिजली घर में वृद्धि से प्रदेश का हर वर्ग हताश और परेशान है जिनके घरों में 500रु से 600 रु बिजली के बिल आते थे उनके घरों में अब 900 रु से 1000 रु तक के बिल आ रहे हैं। उद्योगों में लागत मूल्य प्रति टन लोहा में लगभग 1000 रु से 2500 रु की वृद्धि हो गई है।

प्रदेश के सरकारी बिजली कंपनियों से 60 प्रतिशत बिजली की खपत उद्योगों में होती है यदि उद्योग निजी कंपनियों से बिजली लेना शुरू कर देंगे तो उसका नुकसान सरकारी कंपनियों को होगा और सरकारी बिजली कंपनी घाट में चलेगी जिसके चलते तालाबंदी हो जाएगी।आम जनता और किसानों को बिजली के संकट से जूझना होगा निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार के द्वारा किया गया कार्य निंदनीय है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments