दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू (घर वापस आइए) अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है। इस अभियान से प्रभावित होकर 20 लाख रुपए के इनामी 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें एक माओवादी दंपति भी शामिल है। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लाखों के इनाम घोषित थे।
इन नक्सलियों में रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य और उत्तर सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय राजनीतिक टीम की सदस्य के अलावा जगरगुंडा एरिया कमेटी की पूर्व अध्यक्ष भी शामिल हैं। इनमें से कुछ माओवादी 2018 में छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर पुलिस पार्टी पर हमला करने जैसी घटनाओं में शामिल थे।
मुख्य माओवादी जिन पर इनाम था
- हुंगा तामो उर्फ तामोसुर्या – रीजनल कंपनी नंबर 02 के सदस्य, 8 लाख इनामी।
- श्रीमती आयती ताती – रीजनल कंपनी नंबर 02 की सदस्य, 8 लाख इनामी।
- देवे उर्फ विज्जे वंजाम – उत्तर सब जोनल ब्यूरो की राजनीतिक टीम सदस्य, 3 लाख इनामी।
- माड़वी आयते – केएएमएस (क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन) की पूर्व अध्यक्ष, 1 लाख इनामी।
अभियान का प्रभाव और सफलता
पुलिस उप महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज, कमलोचन कश्यप, पुलिस अधीक्षक गौरव राय, और अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में चल रहे इस अभियान के तहत अब तक 872 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जिनमें 197 इनामी नक्सली भी शामिल हैं।
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लोन वर्राटू अभियान और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति ने माओवादियों को मुख्यधारा में वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आत्मसमर्पित माओवादियों को 25,000 रुपए की सहायता राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, साथ ही पुनर्वास के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और आवास की भी व्यवस्था की जाएगी।
इस अभियान की सफलता नक्सलियों के शोषण और कठिन जीवनशैली से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकेत है।