Friday, July 4, 2025
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बागवानी से किसानों की आय बढ़ाने की अपार संभावनाएं – सांसद बृजमोहन अग्रवाल

रायपुर। राजधानी में गुरुवार को एक दिवसीय राष्ट्रीय बागवानी संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य मध्य भारत और वैश्विक हितधारकों के बीच सार्थक सहयोग को बढ़ावा देना था, जो छत्तीसगढ़ की वैश्विक उद्यानिकी बाजार में स्थिति को मजबूत करने और नए विकास के अवसरों को सृजित करने में सहायक होगा।

संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पारंपरिक खेती के स्थान पर बागवानी को अपनाकर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। उन्होंने बताया कि बागवानी में फल, फूल, और औषधीय पौधों की खेती न केवल किसानों को आर्थिक दृष्टि से सशक्त बनाती है, बल्कि कृषि भूमि का अधिकतम उपयोग भी सुनिश्चित करती है।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने किसानों को फल, फूल और सब्जी उगाने के लिए प्रोत्साहित किया था। इसका नतीजा है कि आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में विशेष फसलें जैसे मैनपाट में सेव, जशपुर में लीची, अंबिकापुर में नाशपाती और बस्तर में काजू की खेती हो रही है। उन्होंने बागवानी के लिए बाजार और कोल्ड स्टोरेज की सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर एस. जगदीसन, निदेशक, उद्यानिकी एवं फार्म फॉरेस्ट्री निदेशालय, ने कहा, “छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी और कृषि के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। यह संगोष्ठी इन संभावनाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक असाधारण अवसर है। यह कार्यक्रम राज्य को उद्यानिकी क्षेत्र में अग्रणी के रूप में स्थापित करने में सहायक होगा।”

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इस संगोष्ठी में क्रावो इक्विपमेंट लिमिटेड (कनाडा), हेग्रोव (यूके), ईएमसीओ (कैलिफोर्निया), केएफ बायोप्लांट्स, इंडो-अमेरिकन सीड्स, और धनदीप सीड्स जैसी प्रमुख वैश्विक कंपनियों ने भाग लिया। इन कंपनियों ने उद्योग में नवाचार और दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम का आयोजन इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, मीडिया टुडे प्राइवेट लिमिटेड, फ्लोरीकल्चर टुडे पत्रिका, छत्तीसगढ़ युवा प्रगतिशील किसान संघ, छत्तीसगढ़ नर्सरी मैन एसोसिएशन, भारतीय ग्रीनहाउस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन, और iFlora के सहयोग से किया गया। इसमें कृषि उद्यमी, निवेशक, सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, नर्सरी मालिक, कृषि-तकनीकी नवप्रवर्तक, शोधकर्ता, और किसान उपस्थित रहे।

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