Wednesday, July 2, 2025
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मोदी की गारंटी और साय के सुशासन के बीच महादेव एप का संचालन जारी… : पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव एप मामले को लेकर आज प्रदेश कार्यलाय राजीव भवन में प्रेसवार्ता ली। बता दें कि महादेव सट्‌टा ऐप केस में EOW (आर्थिक अनुसंधान शाखा) ने ED की शिकायत पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 आरोपियों पर FIR दर्ज की है। इसमें ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत कई अज्ञात पुलिस अफसर और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रेस कान्फ्रेंस में अपने ऊपर छत्तीसगढ़ के EOW (आर्थिक अनुसंधान शाखा) में एफआईआर दर्ज किए जाने के कुछ देर बाद उसके खुलासे पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हे सत्ता से हटे चार माह हो चुके हैं और मोदी की गारंटी और साय के सुशासन के बीच महादेव एप का संचालन जारी है। बगैर साठगांठ के यह संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इलेक्टोरेल बॉन्ड में भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा सट्टेबाजी करने वाली कम्पनी ने दिया है, तो इससे उनके सम्बन्धों का अंदाजा लगाया जा सकता है। महादेव एप के अभी भी संचालन होने पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि इसके संचालकों से मोदी सरकार और भाजपा की साठगांठ है।

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR में कहा गया है कि महादेव ऐप प्रमोटर्स को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त था। ऐप के प्रमोटर्स की ओर से कार्रवाई रोकने के लिए इन आरोपियों को बड़ी राशि नियमित रूप से प्रोटेक्शन मनी के रूप में दी गई।

महादेव सट्टा मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित 21 लोगों के खिलाफ रायपुर की आर्थिक अपराध शाखा ने एफआईआर दर्ज की है। ईओडब्ल्यू ने IPC के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश विश्वासघात और जालसाजी सहित कुल 7 धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि एफआईआर के बाद ईडी उन्हें नामांकन दाखिल करने से रोक सकती है। यदि ईडी उन्हें ऐसा करने से रोकती है तो यह कांग्रेस के लिए बड़ा झटका होगा। कांग्रेस ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव लोकसभा सीट से टिकट दिया है। ऐसे में अब एफआईआर दर्ज होने के बाद ईडी के रूख पर सबकी नजरें टिकी हुई है।

निर्वाचन आयोग के नियमों के मुताबिक प्रत्याशी उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर या आरोप दर्ज होने की जानकारी सार्वजनिक करनी होती है। प्रत्याशी को यह बताना होता है कि उनके किस मामले में अपराध दर्ज है। साथ ही पार्टी को भी यह सूचित करना होता है कि दागी होने के बाद भी टिकट क्यों दी गई। इलेक्शन कमिशन ने इसके लिए एक प्रारूप भी तैयार किया है।

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मिली जानकारी के अनुसार भूपेश बघेल के खिलाफ प्रोटेक्शन मनी के तौर पर 508 करोड़ रुपए लेने के आरोप में ईओडब्लू और एसीबी विंग ने एफआईआर दर्ज की गई है। भूपेश बघेल पर आरोप है कि उन्होंने महादेव बैटिंग ऐप के मालिक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर को प्रोटेक्शन देने के नाम पर 508 करोड़ रुपए लिए हैं।

हालांकि ये मामला विधानसभा चुनाव 2023 से पहले सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने खंडन किया था। साथ ही ये भी कहा था कि अगर भूपेश बघेल पर आरोप लग सकते हैं तो भाजपा नेताओं पर भी आरोप लगाए जा सकते हैं। किसी के आरोप के आधार पर केस दर्ज नहीं किया जा सकता है।

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