अजय श्रीवास्तव/गरियाबंद –– जिले के उदासीन माइनिंग विभाग के कारण जिले में बहने वाली जीवन-दायनी दो नदीयों पैरी और सोढूंर के घाटों से दिन रात लगातार अवैध रूप से रेत उत्खनन का कारोबार फल-फूल रहा है। लगातार शिकायतों के बाद हालांकि माइनिंग विभाग में कुछ जगह पर कार्यवाही की है लेकिन वह भी ऊंट के मुंह में जीरे जैसी है।
लेकिन लगातार नदी घाट के किनारे बसे गांव के जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बाद थक हार कर गरियाबंद माइनिंग विभाग मैं अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए एक नई तरीका अजमाया है। खनिज विभाग ने अवैध घाट पर जाने वाले मार्ग पर 25 फीट की लंबी पक्की दीवार खड़ी कर दी है । यह दीवार सोंढूंर ओर पैरी नदी में हो रहे अवैध खनन को रोकने में कारगर साबित हुई है , लेकिन वहीं त्रिवेणी संगम से महासमुंद की ओर बहने वाली महानदी नदी के घाटों से हो रहे अवैध रुप से रेत खदानों से हो रहे उत्खनन आज भी निरंतर जारी है।
परसदा जोशी के पंचायत प्रतिनिधियों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए यह बताया ,कि रेत खदानों के रास्ते पर ग्रामीणों द्वारा बनाए गए अवरोध को हटाकर या तोड़कर फिर से रेत माफिया अवैध परिवहन करने लगें हैं। गरियाबंद जिले में हो रहे अवैध खनन और इससे पैदा हो रहे विवाद से निपटने के लिए गरियाबंद खनिज विभाग ने नया तरीका अपनाया है, जो कारगार साबित होता नजर आ रहा है. फिंगेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली सिंघौरी और चौबे-बांधा रेत खदानों की निकासी मार्ग पर 25 फीट लंबी और 4 फीट ऊंची पक्की दीवार का निर्माण करा दिया गया है। सिंघौरी और चौबे-बांधा की रेत खदान में खनन को लेकर शासन की ओर से अब तक किसी तरह स्वीकृति प्रदान नहीं दी गई है।
इसके बावजूद रेत माफिया लंबे समय से इन खदानों से लगातार अवैध रेत उत्खनन करते आ रहे हैं। लगभग दो माह पूर्व इन अवैध रेत उत्खनन में लगी चैन-माऊटिगं वाहनों को रायपुर एवं गरियाबंद माइनिंग विभाग की संयुक्त टीम ने सील भी किया गया था। अनेकों बार ग्रामीणों के द्वारा शिकायत के बाद जब खनिज अधिकारी गरियाबंद से यहां तक पहुंचते हैं, तब तक मशीन और गाड़ियां दोनों ही मौके से गायब हो जाती हैं। जिससे यह बात सामने आती है कि कहीं खनिज विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से तो यह अवैध कारोबार फल-फूल रहा है। समाचार चैनलों, अखबारों पर प्रसारित खबरों के बाद हुई किरकरी के बाद परेशान खनिज अधिकारीयों ने गरियाबंद कलेक्टर के साथ मीटिंग के बाद इस अनोखे तरीके की कार्यवाही को अंजाम देना शुरू किया है।
वहीं गरियाबंद खनिज अधिकारी नागेश ने बताया, कि सिंघौरी एवं चौबे-बांधा रेत खदानों के लिए आने जाने का केवल एक ही रास्ता है, और दोनों ही अवैध खननों में रेत खनन को लेकर उनके द्वारा कई बार विभागीय कार्यवाही की गई है। परंतु कार्रवाई होने के तुरंत बाद से फिर से रेत का अवैध उत्खनन शुरू कर दिया जाता था। इन सब को देखते हुए गरियाबंद कलेक्टर से इस बारे में चर्चा की गई और यह रास्ता निकाला गया कि अवैध खनन वाली खदानों पर निकासी वाले स्थान पर या तो दीवार बनाकर रास्ता ब्लॉक कर दिया जाएगा, और जहां पर समतल जगह नहीं है वहां पर मशीन से गड्ढा खुदवा कर रास्ते को ब्लॉक कर दिया जाए जिससे रेत परिवहन करने वाले वाहनों का खदान में आना-जाना ही बंद हो जायेगा। इसी कड़ी में यह दीवार का निर्माण कार्य करवाया गया है।
कुछ दिन पहले ग्राम पंचायत परसदा जोशी के सभी प्रतिनिधि लामबंद ग्राम पंचायत परसदा जोशी की महिला सरपंच सुनीता बेनराज सोनी के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक महिलाओं ने मंगलवार को गरियाबंद कलेक्टर से भेंटकर कर उन्हें ज्ञापन दिया था। महिलाओं की शिकायत थी , कि उनके गांव के पास नदी घाट से हो रहे रेत खदानों उत्खन कर अवैध रेत परिवहन को रोकने पंचायत ने रेत माफिया द्वारा बनाए रास्ते को तोड़ दिया था, लेकिन मुन्ना कुर्रे के द्वारा एक बार फिर से रास्ता बना कर अवैध रेत खनन ओर परिवहन शुरू कर दिया है। शिकायत में कहा गया कि गांव के गलियों में दिन-रात भारी वाहनों द्वारा तेज रफ्तार से रेत लेकर आना जाना हो रहा हैं, जिससे गावं में दुर्घटना की संभावना हमेशा बनी रहती है। पंचायत के इस ज्ञापन के बाद कलेक्टर ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया था।