Saturday, July 26, 2025
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कुर्सी पर रोपाई और दफ्तर में ‘धक्का’- मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े की अनोखी कार्यशैली फिर चर्चा में

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन की मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े एक बार फिर चर्चा के केंद्र में हैं। हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर में वे कुर्सी पर बैठकर धान की रोपाई करती नजर आ रही हैं। सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को लेकर कई लोगों ने तंज कसा है कि जहां असली किसान कीचड़ में कमर तक झुककर मेहनत करता है, वहीं मंत्री जी के लिए खेत में भी कुर्सी साथ चल रही है!

हालांकि, समर्थकों का कहना है कि यह केवल एक प्रतीकात्मक भागीदारी थी, जिसका उद्देश्य खेती-किसानी से जुड़ाव दर्शाना था। लेकिन आलोचकों ने इसे ‘नौटंकी’ और ‘फोटो ऑप’ करार देते हुए सवाल उठाया कि क्या यह किसानों की मेहनत का उपहास नहीं है?

‘धक्का’ बनाम ‘Push’—दफ्तरों में हिंदी को प्राथमिकता

हाल ही में मंत्री रजवाड़े ने एक और फरमान जारी कर सुर्खियाँ बटोरीं। उन्होंने सरकारी दफ्तरों में दरवाज़ों पर लगे ‘Push’ और ‘Pull’ जैसे अंग्रेजी शब्दों को हटाकर उनकी जगह ‘धक्का’ और ‘खींचे’ लिखने के निर्देश दिए। उनका तर्क है कि ज़्यादातर ग्रामीणों को अंग्रेज़ी समझ नहीं आती, इसलिए मातृभाषा को प्राथमिकता देना ज़रूरी है।

इस फैसले को सोशल मीडिया पर मिला-जुला रिस्पॉन्स मिला है कई लोग इसे हिंदी और स्थानीय भाषा को बढ़ावा देने वाला कदम मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे भी प्रचार की रणनीति कहकर खारिज कर रहे हैं।

जब नेता बनते हैं ‘किसान’

छत्तीसगढ़ में हाल के वर्षों में खेती-किसानी से जुड़ी तस्वीरें नेताओं के लिए एक लोकप्रिय पीआर स्टाइल बन गई हैं। हाल ही में मंत्री टंकराम वर्मा ने अपने खेतों में रोपाई करते हुए तस्वीर साझा की, वहीं पत्थलगांव विधायक गोमती साय ने भी खेत में काम करती अपनी फोटो सोशल मीडिया पर डाली। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपने कार्यकाल के दौरान लगातार अपने खेतों और फसल की तस्वीरें साझा करते रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी तस्वीरों से नेता आम जनता के करीब होने का संदेश देना चाहते हैं, मगर सवाल यह उठता है कि क्या यह जुड़ाव जमीन पर भी उतना ही मजबूत है जितना सोशल मीडिया पर दिखाई देता है?

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