अजय श्रीवास्तव/गरियाबंद — अभी तक आपने पुरुषों को ही अवैध मादक पदार्थों की तस्करी करते हुए पुलिस की गिरफ्त में आते सुना होगा। लेकिन आज एक ऐसा मामला गरियाबंद जिले में सामने आया जहां उत्तर प्रदेश की रहने वाली महिलाएं अधिक रुपए कमाने की लालच में गांजे जैसे मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल हो गई और उनके पास पुलिस ने 30 किलो गांजा बरामद किया है।
गरियाबंद जिले के मैनपुर पुलिस एसडीओपी ने जानकारी देते हुए बताया कि मुखबिर से यह सूचना मिली थी कि तीन महिलाएं जो अपने पास रखे हुए ट्रॉली बैग में अवैध मादक पदार्थ रखकर देवभोग से रायपुर की ओर यात्री बस से रवाना हुई है। जानकारी मिलते ही पुलिस ने देवभोग से आने वाली हर बस की सघन जांच शुरू कर दी । तभी जांच के दौरान तीन महिलाओं की गतिविधियां संदिग्ध लगी तब पुलिस ने उनके पास रखे हुए सामान की जांच के शुरू की गयी।
उनके पास रखे हुए तीनों ट्रॉली बैग को खोलकर देखा गया तो ऊपर रखी गई साड़ियों के नीचे पॉलिथीन के पैकेट में गांजा रखा हुआ था। दौरान उत्तर प्रदेश में निवास करने वाली तीन महिलाएं विजयलक्ष्मी,सीमा खातून, कमलबती जो कि उत्तरप्रदेश के बलिया जिले के बोरिया थाना क्षेत्र की मूल निवासी है। यह कोई पहली बार नहीं है कि गांजे की तस्करी में मध्यप्रदेश , उड़ीसा एवं राजस्थान की महिलाओं को पुलिस ने पहले भी पकड़ा है।
इन उत्तरप्रदेश की पकड़ी गई महिला तस्करों के तीन ट्रॉली बैग से 30 किलो अवैध गांजा बरामद किया गया है। पुलिस के द्वारा महिलाओं से बरामद गांजे की बाजार कीमत लगभग 03 लाख रुपए आंकी गई है। गरियाबंद जिला पुलिस ने पिछले चार दिनों में की तीन अलग-अलग कार्यवाहीयों में जिला मुख्यालय में 26 किलो गांजा सहित दो आरोपीयों को 02 अप्रैल ,वहीं 03 अप्रैल को देवभोग पुलिस ने 28 किलो गांजे सहित पड़ा था।
गिरफ्तार की हुई महिलाओं ने बताया कि वह उड़ीसा के रास्ते कालाहांडी जिले और कोरापुट से इस गंजे को खरीद कर पहले भी उत्तर प्रदेश ले जाकर बेच चुकी हैं।लगातार यह जानकारी सामने आती है कि उड़ीसा में बहुत बड़ी मात्रा में अवैध रूप से गांजे की खेती की जाती है और उड़ीसा प्रदेश ही पूरे देश भर में अवैध गांजे की सप्लाई का सबसे बड़ा केंद्र है।