अजय श्रीवास्तव /बीजापुर। छत्तीसगढ़ में आश्रम में रहने वाले छात्र-छात्राओं के साथ बड़ी अनहोनी घटनाएं हो रही है वहीं स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे भी हैवानियत के शिकार हो रहे हैं खास तौर पर यह देखा गया है कि बस्तर संभाग और सरगुजा संभाग में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही है एक दशक पूर्वी बस्तर संभाग के एक जिले पर कुछ नाबालिक बच्चियों के गर्भवती होने की घटना सामने आई थी। जिससे प्रशासन के साथ-साथ पूरा समाज शर्मसार हो गया था।
आज फिर एक ऐसा ही मामला बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से पुनः सामने आया है। आवासीय विद्यालय में रहकर 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया। मिली जानकारी के अनुसार बीजापुर के गंगालूर स्थित आवासीय विद्यालय में रहने वाली 12वीं कक्षा की छात्रा ने स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया है।
कल रात इस बालिका ने अपने पेट दर्द होने की शिकायत पर उसे आश्रम अधीक्षिका ने अस्पताल में भर्ती कराया था। इसके बाद आज सुबह इस छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया। छात्रा के द्वारा बच्चे के जन्म की जानकारी मिलते ही पूरे जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया।
खास बात यह रही कि आश्रम में रहने वाली बालिका गर्भवती कैसे हुई और उसके गर्भवती होने की जानकारी आश्रम प्रशासन के कर्मचारी और अधीक्षिका को कैसे नहीं हुई। जिला प्रशासन इस बात की जानकारी जुटाने में जुटा है। इधर इस बड़ी घटना के बाद बीजापुर जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल गंगालूर स्थित बालिका हास्टल पहुंचे और उन्होंने तत्काल प्रभाव से आश्रम अधिक्षिका अंशु मिंज को निलंबित कर दिया है।
वही ऐसी जानकारी भी सामने आई है कि इस हॉस्टल में रहने वाली इस बालिका का 3 साल से एक युवक के साथ प्रेम प्रसंग भी चल रहा था। जब प्रेम प्रसंग चल रहा था तो आवासीय विद्यालय प्रशासन ने इस जानकारी को सामने लाना क्यों जरूरी नहीं समझा। अब वांनचल में बने आवासीय विद्यालयों में रहने वाली बालिकाओं को कैसे सुरक्षित रखा जायेगा।