रायपुर। बस्तर क्षेत्र में नक्सल प्रभावित इलाकों में एक और बड़ा मोड़ आया है। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों की रणनीतिक कार्रवाई के चलते आज सुकमा जिले में 1 करोड़ 18 लाख रुपये के इनामी 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इनमें 8 हार्डकोर नक्सली पीएलजीए बटालियन से जुड़े थे, जबकि शेष विभिन्न नक्सली संगठनों में सक्रिय थे।
यह आत्मसमर्पण राज्य सरकार के ‘विकास और विश्वास’ के संदेश को जमीन तक पहुँचाने का परिणाम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस बड़ी कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (Twitter) के माध्यम से साझा करते हुए कहा, बस्तर बदल रहा है, बंदूकें थम रही हैं… लोकतंत्र की लौ अब हर कोने में जल रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 24 घंटों में प्रदेशभर में कुल 45 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने इसे सरकार की प्रभावी नीति और विकास की जीत बताया। ये सिर्फ आत्मसमर्पण नहीं, विश्वास की जीत है – जो योजनाएं जैसे ‘नियद नेल्ला नार’ जैसे जनजातीय इलाकों तक विकास पहुंचा रही हैं। अब बंदूक की गोली नहीं, विकास की बोली सुनाई दे रही है।
पिछले 15 महीनों में 1521 नक्सली हथियार छोड़ चुके
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बीते 15 महीनों में कुल 1521 नक्सलियों ने राज्य सरकार की नीति से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। उन्होंने इसे “नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025” की सफलता करार दिया।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भी आभार जताते हुए कहा कि उन्हीं के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सुशासन के विज़न पर आगे बढ़ रहा है और तय समय-सीमा के भीतर नक्सलवाद से मुक्त होगा।