रायपुर। भारतीय जनता पार्टी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. विमल चोपड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) को शुरू हुए पाँच वर्ष बीतने के बाद भी अब तक छत्तीसगढ़ में 65 लाख से भी अधिक व्यक्तियों का आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है।
डॉ. चोपड़ा ने कहा कि आदिवासियों के नाम पर सियासी ड्रामेबाजी करती प्रदेश सरकार के नाकारापन का यह प्रमाण है कि बस्तर संभाग के सुकमा व दंतेवाड़ा जिलों और सरगुजा संभाग के मनेंद्रगढ़ जिले में सामान्य से लेकर गरीब परिवारों को आयुष्मान योजना का लाभ दिलाने में प्रदेश सरकार पूरी तरह उदासीनता का परिचय दिया है। इन जिलों में सबसे कम आयुषमान कार्ड बने हैं।
भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. चोपड़ा ने कहा कि प्रदेश में जबसे कांग्रेस सत्तारूढ़ हुई है, जन-स्वास्थ्य के साथ शर्मनाक खिलवाड़ किया जा रहा है। प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने माना है कि प्रदेश में 65,01,974 लोगों का आयुष्मान कार्ड नहीं बनाया गया है। इतनी बड़ी संख्या में कार्ड का नहीं बनना महज इत्तेफाक नहीं हो सकता। यह सीधे-सीधे ‘बदलापुर की राजनीति’ के एजेंडे पर काम कर रही प्रदेश की कांग्रेस सरकार की साजिश का परिणाम है क्योंकि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि केंद्र सरकार की योजनाओं के लाभ से प्रदेश के जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिले।
डॉ. चोपड़ा ने कहा कि प्रदेश के 21 लाख किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से और 16 लाख गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास से वंचित रखने वाली प्रदेश सरकार ने 65 लाख से ज्यादा लोगों को आयुष्मान कार्ड से वंचित रखकर अपनी गर्हित राजनीतिक मानसिकता का प्रदर्शन किया है। डॉ. चोपड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार की सुविधाएँ छत्तीसगढ़ के लोगों तक यह भूपेश सरकार पहुँचने से रोक रही है और खुद बड़ी-बड़ी डींगें हाँककर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं का सत्यानाश किए बैठी है। देश के इतिहास में संभवत: छत्तीसगढ़ इकलौता प्रदेश होगा जहाँ की ओछी सोच के चलते प्रदेश सरकार केवल इसलिए केंद्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को रोक रही है क्योंकि उन योजनाओं में ‘प्रधानमंत्री’ लिखा हुआ है।