अजय श्रीवास्तव /गरियाबंद। हरा सोने के नाम से प्रसिद्ध तेंदुपत्ता जिसका इस समय तोड़ने का काम शुरू हो गया है। आज गुरुवार सुबह सुबह गरियाबंद जिला मुख्यालय के करीब घुटकूनवापारा और ग्राम बेहराबुढ़ा से गांव के पास तेंदूपत्ता तोड़ने गए ग्रामीणों पर जंगली भालू ने हमला कर दिया। दो अलग-अलग घटनाओं में भालू के हमले के दो लोग घायल हो गए है। जिन्हें जिला अस्पताल गरियाबंद में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार पहली घटना ग्राम घुटकूनवापारा में घटित हुई है जहां जंगल में सुबह करीब 6 बजे तेंदूपत्ता तोड़ रहे सुदर्शन साहू पर अचानक भालू ने पीछे से हमला का दिया, अचानक हुए हमले को देखकर पास ही तेंदुपत्ता तोड़ रही सुदर्शन की पत्नी ने चीख पुकार मचा दी जिसके कारण भालू मौके से भाग गया। इस हमले में वहां से सुदर्शन की कमर में गहरे धाव लगे है।
इसी तरह दूसरी घटना ग्राम बेहराबुढ़ा की है। यहां जगंल में तेंदूपत्ता तोड़ने गए विराज ध्रुव के उपर भी हमला कर दिया जिसके कारण विराज के सिर में गंभीर चोट लगी है। अच्छी बात यह रही कि उसके साथ गए ग्रामीणों ने हमले के तुरंत बाद भालू के उपर पत्थर फेंकने लगे जिसके कारण भालू विराज को छोड़कर भाग गया। घायल सिराज को सरपंच ने उसे अस्पताल पहुंचाया। घटना के बाद दोनों ग्रामीणों का जिला अस्पताल में उपचार जारी है।
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इस समय तेंदूपत्ता तोड़ने को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है लेकिन जंगली जानवर के हमले से खतरा भी है। वन विभाग ने आसपास अंचल के लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे कभी भी अकेले जंगल की ओर ना जाए अगर जाना ही हो तों ग्रुप बनाकर जाए। बचाव हेतु लाठी साथ में रखे। अक्सर देखा गया है कि गर्मी के दिनों में जंगलों में पानी का स्त्रोत सुख जाते हैं जिसके कारण गांवों के आसपास जंगली जानवर नदी नालों और बड़े तालाब की ओर रुख करते हैं।
जंगल से लगे अधिकतर गांव पैरी नदी के आसपास बसे हुए हैं, इसी कारण अक्सर जंगली जानवर भालू ,हिरण,तेंदुआ जैसे अनेक जंगलों के जानवर गर्मी में गांवों के आसपास नजर आते हैं। यह देखा गया है कि यह सभी जंगली जानवर अधिकांशत रात 12 बजे या फिर सुबह-सुबह 4 से 6 बजे के बीच ये पानी पीने निकलते हैं, और शायद इसीलिए मानव और जानवरों में द्वंद हो जाता है।