रायपुर। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में आज आयोजित प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के विरोध में है। हमें केंद्र सरकार को लिखकर दिया था कि यदि केंद्र सरकार नगरनार स्टील प्लांट नहीं चला सकती तो राज्य सरकार को दे दे। राज्य सरकार नगरनार स्टील प्लांट को खरीदने को तैयार है। इस संबंध में हमने विधानसभा से भी प्रस्ताव पास किया है, लेकिन मोदी सरकार हमें इसकी अनुमति नहीं दे रही है।
सीएम भूपेश बघेल ने रविवार को राजीव भवन में मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री तीन तारीख को बस्तर में नगरनार संयंत्र के उद्घाटन के लिए आ रहे हैं। नगरनार संयंत्र के लिए बस्तर के किसानों, और आदिवासियों ने जमीन दी थी। उन्होंने कहा कि इसके लिए मुआवजा नहीं दिया गया था। इसको लेकर लगातार आंदोलन भी चला।
उन्होंने कहा कि विपक्ष में थे तब भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाते रहे हैं। केन्द्र की सरकार संयंत्र को निजी हाथों में देना चाहती है। हमने पहले अशासकीय संकल्प और फिर सरकार में आने के बाद शासकीय संकल्प पारित किया था। केन्द्र की सरकार ने विनिवेश की घोषणा की है। टाटा, अडानी, वेदांता, और जिंदल समूह ने खरीदने में रूचि दिखाई है। उन्होंने कहा कि संयंत्र को निजी हाथों को न बेचा जाए, राज्य सरकार इसके लिए 20 हजार करोड़ देने के लिए तैयार है।
यह भी पढ़ें :- बरसों की झांकी परम्परा को नई पीढ़ी भी उत्साह से बढ़ा रही, यह सबसे अच्छी बात- सीएम बघेल
सीएम भूपेश बघेल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि राज्य सरकार ने तो यह भी मांग की थी कि केन्द्र सरकार का पब्लिक सेक्टर एनएमडीसी अगर नगरनार स्टील प्लांट नहीं चला सकता, तो उसे केन्द्र सरकार के ही एक दूसरे पब्लिक सेक्टर सेल को दे दिया जाए ताकि वह उसे भिलाई स्टील प्लांट की तरह चला ले, लेकिन उसे निजी लोगों को न बेचा जाए।