अजय श्रीवास्तव/ रायपुर| वर्ष 2023 में होने जा रहे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश ,राजस्थान तेलंगाना, मिजोरम विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में घमासान मचा हुआ है। सभी राजनीतिक पार्टियों अपने विजय प्रत्याशियों की सूची बनाकर ही उन्हें इस विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है लेकिन वर्तमान विधायकों की टिकट कटने से उनमें विरोध भी देखा जा रहा है विधायकों के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं को टिकट न मिलने से बच्चे नाखुश है और जिससे वह नाराज होकर अन्य राजनीतिक पार्टियों में शामिल होने की दौड़ में शामिल हो चुके हैं वहीं कुछ विधायक और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव समर में कूद पड़े हैं।
छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश और राजस्थान में दो सबसे बड़े राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस इस मुसीबत से उभर भी नहीं पा रही है और डैमेज कंट्रोल करने के लिए एक अलग से टीम भी बनाकर तैयार कर ली है जिससे उनके घोषित प्रत्याशी इस चुनाव में आसानी से चुनाव जीत पाए। इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ प्रदेश के वर्तमान कुछ विधायकों के कांग्रेस पार्टी ने इस चुनाव में उन्हें अपना प्रत्याशी नहीं बनाया है जिसे लेकर वर्तमान विधायकों में रोष देखा गया है।
जहां कुछ विधायक अपने गुस्से को दबाकर बैठे हैं वहीं कुछ विधायक इसे पार्टी में अपने अपमान समझा रहे हैं, और इसी बात को लेकर वे निर्दलीय चुनाव लड़ने का मन बनाकर अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं। ऐसा ही एक मामला अंतागढ़ विधानसभा में 2018 के कांग्रेस प्रत्याशी अनूप नाग को 2023 चुनाव में प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया जिससे वर्तमान विधायक ने अंतागढ़ विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशीके रुप में अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी लाइन के विरुद्ध नामांकन दाखिल करने को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने उन्हें 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है।