जांजगीर-चाम्पा। लोकसभा चुनाव के लिए एक ऐसी प्रत्याशी विजय लक्ष्मी ने नामांकन दाखिल किया है, जो उस परिवार से हैं, जो बेहद गरीब और नट समुदाय से हैं। उनके ससुर मयाराम नट, 2000-01 से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं। पंचायत से लेकर विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनका बेटा अभी महंत गांव का पंच हैं। उनकी एक अन्य बहु जनपद सदस्य रह चुकी है।
बता दें की इस लोकसभा चुनाव में मयाराम नट का परिवार, एक बार फिर सुर्खियों में है खास बात यह है की उन्होंने सभी चुनाव लड़ हैं। वह पिछले 23 सालों से अपना किस्मत आजमा रहे हैं। अपने खून पसीने की कमाई (पालतू सुअर बेचकर) लगाकर दांव आजमाया है। इस बार मयाराम नट ने लोकसभा चुनाव प्रत्याशी के रूप में अपनी बहु विजय लक्ष्मी को चुनाव में उतरा है। जो की बीए द्वितीय वर्ष की पढ़ाई कर रही है।

मयाराम ने बताया कि राजनीति में जिस तरह के हालात हैं और उन जैसे घुमंतू लोगों के जीवन बदलाव नहीं हो रहा है, इसे देखते हुए राजनीति के माध्यम से इन समस्याओं को दूर करने के लिए वे चुनाव लड़ते हैं। आगे बताया कि वह सन 2000 से चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमे वह पंच थे। 2005 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा, 2009 में लोकसभा के लिए, 2013 और 2018 में जांजगीर चांपा विधानसभा से चुनाव लड़ा और अपनी पत्नी को जिला पंचायत चुनाव में खड़ा किया। अपनी बड़ी बहू को जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 05 से चुनाव लड़वाया, जिसमें बहू को जीत हासिल हुई और जनपद सदस्य चुनी गई।
वे हाल ही में अभी 2023 के विधानसभा चुनाव में पामगढ़ विधनसभा चुनाव के लिए स्वयं खड़े हुए थे। उन्होंने दोहा बोलते हुए बताया कि बांस के पेड़ में बांस ही होना चाहिए। इसलिए कोई दूसरा नहीं, बल्कि कॉलेज में पढ़ी अपनी बहू को लोकसभा 2024 के लिए प्रत्याशी बनाकर चुनाव का नामांकन फॉर्म भरा है।