अजय श्रीवास्तव /रायपुर। कांग्रेस सरकार के समय से ही आंदोलनरत अनियमित कमचारियों की हड़ताल के समय पूर्व भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री रमनसिंह ने उनसे जाकर धरना स्थल पर पहुंचे थे और उनके लिए प्रदेश में अगर भाजपा सरकार आई तो उनके हित के लिए विचार किया जाएगा। अब प्रदेश में भाजपा सरकार सत्ता में आ गई है।
इसी कड़ी में अपनी पुरानी लंबित मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश अनियमित कमचारियों के नेतृत्व करने वाले सभी पदाधिकारयों ने प्रदेश के मुखिया विष्णुदेव साय से सौजन्य मुलाकात कर नये वर्ष एवंअपनी लबिंत मांगों पर चर्चा की।
छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारियों को भाजपा कि सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीद
छत्तीसगढ़ प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण/स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यून मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिंग/ठेका/सेवा प्रदाता सिस्टम बंद करने छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारियों के पदाधिकारी माननीय मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा एवं अनुरोध किया कि प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को भारतीय जनता पार्टी कि सरकार से बहुत ज्यादा उम्मीद है|
माननीय मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों की बातों गंभीरता से सुना एवं ज्ञापन को पढ़ा तथा आवश्यक कार्यवाही करने का भरोसा दिलाया| पदाधिकारियों ने अभिनन्दन कार्यक्रम हेतु समय माँगा जिसपर उनके द्वारा पृथक से अवगत कराने कि बात कही ।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में अनियमित कर्मचारी जैसे-आउट सोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जाबदर, संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक के रूप विगत 5, 10, 15, 20, 25 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत है| ये अनियमित कर्मचारी प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है| सामान कार्य करने के बावजूद ये नियमित कर्मचारी से आधे से कम वेतन में कार्य करने विवश है| वर्तमान में इनकी स्थिति मध्यकालीन बन्धुआ मजदूर से बदतर है| बेरोजगारी, आर्थिक असुरक्षा, पारिवारिक जिम्मेदारी, प्रशासनिक दबाव के कारण ये अनियमित कर्मचारी अपने विरुद्ध हो रहे अन्याय का चुप-चाप सह रहे है| उपरोक्त कारणों से समाज के पढ़े-लिखे नव-युवा/युवतियां मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे है|
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा, अपने 87 सहयोगी अनियमित संगठनों (जिसकी संख्या 3 लाख से अधिक है) के साथ मिलकर अपने अधिकार के लिए निरंतर संघर्ष रत है| प्रतिनिधि मंडल में गोपाल प्रसाद साहू संयोजक, प्रेम प्रकाश गजेन्द्र, सह संयोजक एवं राजेश गुप्ता उपाध्यक्ष प्रमुख रूप से सम्मिलित थे|