अजय श्रीवास्तव – बलरामपुर / रायपुर। हाथियों एवं द्वंद लगातार बढ़ता जा रहा है । इसका मुख्य कारण है घने जंगलों का कम होना और घने जंगलों के बीच केंद्र और राज्य सरकार की वह योजनाएं जिनके कारण जंगल समाप्त हो रहे हैं और जंगल की जमीनों के बीच गहरी-गहरी खदानें खुल गई हैं। साथ ही वन अधिकार पट्टा जैसी योजनाओं में यह मुकाबला देखने को मिल रहा है। जहां जंगल इन योजना और सरकार की योजना से वन क्षेत्र कम हो रहा है। वही वन्य प्राणियों के रहवासी क्षेत्र भी सिकुड़ते से जा रहे हैं और वन्य प्राणी रोजाना उस आवासीय क्षेत्र में आ धमकते हैं। जो कभी उनका अपना निवास स्थान होता था।
आज फिर शंकरगढ़ वन परिक्षेत्र के परसाढोडी में फिर यही जंगली जीव और मनुष्य के बीच यह द्वंद सामने आया जहां जंगली हाथियों के एक दल में शामिल एक दंतैल हाथी ने तीन लोगों के साथ खेत में लगाई गई फसल की रखवाली में लगे थे । तभी हाथियों के झुंड में से एक दंतैल हाथी ने अचानक हमला कर दिया। दो लोगों तो मौके से जान बचाकर भाग निकले लेकिन एक बुजुर्ग भाग नहीं पाया। हाथी ने हमला कर उसे पटककर और पैरों तले दबाकर जान से मार डाला।
बलरामपुर जिले में 24 घंटे के भीतर हाथी के हमले से यह दूसरी घटना सामने आई है। वहीं हफ्ते भर में यह तीसरी मौत का मामला है। इस तरह हाथियों के हमलों के कारण ग्रामीणों में दहशत का माहौल है , वन विभाग एवं ग्रामीणों ने बताया है कि 11 हाथियों का दल तीन अलग-अलग इस क्षेत्र में लगातार विचरण कर रहा है ।