One Nation-One Election : ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का चुनावी वादा भी रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों के दौरान खर्च होने वाले समय और धन को बचाने के लिए बार-बार ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation-One Election) के कार्यान्वयन की वकालत की है। भाजपा ने तर्क दिया है कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव अलग-अलग कराने से पैसे की बर्बादी होती है और शासन में भी हस्तक्षेप होता है।
One Nation-One Election : केंद्र सरकार ने 2 सितम्बर को जारी नोटिफिकेशन
वन नेशन, वन इलेक्शन (One Nation-One Election) की कमेटी को लेकर केंद्र सरकार ने शनिवार को नोटिफिकेशन जारी कर दिया। लोकतंत्र में राष्ट्रहित में आने वाले नये मुद्दों पर चर्चा होनी जरूरी है। इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसी व्यवस्था कल लायी जायेगी। हमने ऐसा नहीं कहा है। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना की जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति का गठन किया है।
कमेटी के चेयरमैन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं। वहीं समिति में सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, वित्त कमीशन के पूर्व चेयरमैन एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी कश्यप, हरीश साल्वे और पूर्व सीवीसी संजय कोठारी हैं. कमेटी का कार्यकाल स्पष्ट नहीं है। समिति को यथाशीघ्र रिपोर्ट देने को कहा गया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में समिति की बैठकों में भाग लेंगे। उम्मीद है कि समिति तुरंत काम करना शुरू कर देगी और अपनी सिफारिशें “जल्द से जल्द” प्रस्तुत करेगी।
One Nation-One Election : राज्य में विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण एक साथ चुनाव की व्यवस्था में हुई बाधा
लोकसभा सचिवालय के अनुसंधान और सूचना प्रभाग के कानूनी और संवैधानिक मामलों के विंग द्वारा प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, आजादी के बाद पहले कुछ आम चुनाव राज्य विधान सभा चुनावों के साथ एक साथ आयोजित किए गए थे। हालाँकि यह प्रथा 1967 तक जारी रही, लेकिन 1968 और 1969 में कुछ राज्य विधानसभाओं के समय से पहले भंग होने के कारण एक साथ चुनाव की व्यवस्था बाधित हो गई।
पेपर में कहा गया है, ”इस प्रकार, 1967 के चुनावों के बाद से, लोकसभा और विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव की प्रथा को कायम नहीं रखा जा सका और चुनावों को अभी भी पुनर्गठित नहीं किया गया है।”
One Nation-One Election : एक राष्ट्र, एक चुनाव को लेकर राजनेताओं ने क्या कहा ?
बार-बार चुनाव विकास के रास्ते में बनती है बाधा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation-One Election) के बारे में बोलते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की स्थिरता के साथ विकास के लिए त्वरित शासन की आवश्यकता होती है और इसी दृष्टि से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात कही गई है। योगी ने कहा, ”एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए राजनीतिक स्थिरता वास्तव में महत्वपूर्ण है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की स्थिरता के साथ विकास के लिए त्वरित शासन की आवश्यकता होती है, इस दृष्टि से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ सराहनीय है। ”
लोकतंत्र की समृद्धि और स्थिरता हेतु One Nation-One Election के लिए यह अभिनंदनीय पहल है… pic.twitter.com/18S6oeW2b1
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) September 1, 2023
सीएम योगी ने आगे कहा, “इस पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश के नागरिकों की ओर से पीएम मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं।” प्रस्ताव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (One Nation-One Election) समय की मांग है और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बार-बार होने वाले चुनाव विकास के रास्ते में बाधा बनते हैं क्योंकि चुनाव प्रक्रियाएं कम से कम डेढ़ महीने का समय जो विकास प्रक्रिया में बाधा डालता है।
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राष्ट्रपति के पद की गरिमा समाप्त कर दी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “मैं यह पहली बार देख रहा हूं कि सरकार द्वारा किसी पूर्व राष्ट्रपति को गठित समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व SC न्यायाधीश ऐसा कर सकते थे। उन्होंने राष्ट्रपति के पद की गरिमा समाप्त कर दी क्योंकि (नए संसद भवन का) उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाय प्रधान मंत्री ने किया था। अब, ऐसा करके यह, वे गलत परंपरा स्थापित कर रहे हैं। ”
सरकार को कभी भी चुनाव कराने का अधिकार
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, जो मुंबई में विपक्षी गुट की बैठक में मौजूद थे, ने बताया कि भाजपा सरकार अब घबराहट की स्थिति में है और ध्यान भटकाने के लिए ये चीजें हो रही हैं। उन्होंने आगे कहा, गणेश चतुर्थी उत्सव के बीच इस विशेष सत्र को बुलाने की क्या आवश्यकता है? क्या वे (केंद्र सरकार) हिंदू भावनाओं से अनजान हैं? पर वन नेशन, वन पोल की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “सरकार को कभी भी चुनाव कराने का अधिकार है। अगर वे लोकसभा चुनाव जल्दी कराना चाहते हैं तो कर सकते हैं। अगर वे कुछ विधेयक पारित करना चाहते हैं, तो हमें उन विधेयकों के बारे में बताएं।”
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बीजेपी संविधान और देश को बर्बाद करना चाहती
पंजाब के मंत्री और आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां लोकतंत्र कायम है, भाजपा ऐसा नहीं कर सकती। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी संविधान और देश को बर्बाद करना चाहती है। “भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसे लागू करना संभव नहीं है। भाजपा देश को बर्बाद करना चाहती है। यह देश के संविधान के लिए खतरनाक है। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए।