नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से हिट मैन और भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) सुर्खियों में बने हुए है। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने ऐसा बयान दिया है। जिसके बाद से ही वह सुर्खियों में आ गए हैं। रोहित शर्मा अपनी अगुवाई में भारत को एक भी बड़ा खिताब नहीं दिला सके हैं।
बता दें की पिछले साल एशिया कप 2022 और टी20 वर्ल्ड कप 2022 के बाद टीम इंडिया ने इस वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2021-23 का फाइनल मैच में भी गंवा दिया है। ऐसे में रोहित शर्मा की कप्तानी पर कई तरह के सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। इसी बीच रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के एक बयान ने क्रिकेट जगत में सनसनी मचा दी है।
Rohit Sharma : मैं अगले दो महीनों तक इस टीम के साथ काफी यादें बनाना चाहता हूं
उन्होंने कहा कि वह अगले दो महीने तक टीम इंडिया के साथ यादें बनाना चाहते हैं। इसके बाद से ही उनको लेकर फैंस अटकलें लगाने लगे। प्रशंसकों का मानना है कि रोहित शर्मा वर्ल्ड कप 2023 के बाद अपने संन्यास की घोषणा कर देंगे। हालांकि, रोहित शर्मा (Rohit Sharma)ने अभी तक स्पष्ट रूप से इस विषय पर चर्चा नहीं की है। कप्तान ने बताया कि, ‘मैं अगले दो महीनों तक इस टीम के साथ काफी यादें बनाना चाहता हूं।’
जैसे ही ‘हिटमैन’ भारत में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले क्रिकेट महाकुंभ में अपने सैनिकों को शामिल करने के लिए तैयार हो रहा है, 36 वर्षीय खिलाड़ी 2011 की टीम में शामिल न किए जाने को याद करते हुए पुरानी यादों में खो गया। रोहित ने याद किया कि कैसे हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने कठिन दौर में उनकी मदद की थी और उन्हें असफलताओं को भुलाकर अपने खेल पर कड़ी मेहनत करने के लिए कहा था।
मैं उदास था और अपने कमरे में बैठा था
मुझे याद है कि युवी (युवराज सिंह) ने मुझे अपने कमरे में बुलाया था और रात के खाने के लिए बाहर ले गया था। उन्होंने मुझे समझाया कि जब आप बाहर रह जाते हैं तो कैसा महसूस होता है। उन्होंने मुझसे कहा, ‘सबसे अच्छी बात यह है कि आपके सामने इतने सारे साल हैं। जैसा कि हम विश्व कप में खेलते हैं, आप अपने खेल, कौशल पर कड़ी मेहनत करने और वापसी करने का यह मौका लेते हैं। ऐसा नहीं है इस तरह से कि आप भारत के लिए नहीं खेलेंगे या विश्व कप में खेलने का मौका नहीं मिलेगा।
2011 के वर्ल्ड कप का जिक्र करते हुए
उन्होंने आगे कहा, “कभी-कभी, मैं खुद को उनकी जगह पर रखने की कोशिश करता हूं। जब 2011 में मुझे नहीं चुना गया, तो यह मेरे लिए बहुत हृदय विदारक क्षण था और मुझे लगा कि विश्व कप टीम से बाहर होने के बाद अब बचा ही क्या है?” उन्हें यह स्वीकार करने में कोई झिझक नहीं थी कि कई बार उनका और द्रविड़ का फैसला गलत हो सकता है। उन्होंने कहा, “मैं, कोच और चयनकर्ता विरोध, पिच, हमारी ताकत, उनकी कमजोरियों जैसे सभी कारकों को ध्यान में रखते हैं और फिर एक आम सहमति पर पहुंचते हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि हम हमेशा परफेक्ट नहीं रहेंगे।”