नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को विपक्षी दलों से आग्रह किया कि संसद के शीतकालीन सत्र में वे विधानसभा चुनावों में मिली पराजय का ‘गुस्सा’ ना निकालें बल्कि उससे सीख लेते हुए पिछले नौ सालों की नकारात्मकता को पीछे छोड़ें और सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़े, तभी उनके प्रति लोगों का नजरिया बदल सकता है।
हार का गुस्सा छोड़ सकारात्मक रूख के साथ आगे बढ़े विपक्ष : पीएम मोदी
सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यह भी कहा कि यदि विपक्षी दल ‘विरोध के लिए विरोध’ का तरीका छोड़ दें और देश हित में सकारात्मक चीजों में साथ दें तो देश के मन में उनके प्रति आज जो नफरत है, हो सकता है वह मोहब्बत में बदल जाए। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजों को ‘बहुत ही उत्साहवर्धक’ करार देते हुए उन्होंने कहा, “देश ने नकारात्मकता को नकारा है।”
चार में से तीन राज्यों में भाजपा ने रविवार को भारी बहुमत से जीत हासिल की। मध्य प्रदेश जैसे प्रमुख राज्य में उसने सत्ता में वापसी की वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में सफल रही। तेलंगाना में भले ही भाजपा सत्तासीन होने में विफल रही लेकिन दक्षिणी राज्य में उसने अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
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पीएम मोदी ने कहा, “अगर मैं वर्तमान चुनाव नतीजे के आधार पर कहूं तो विपक्ष में जो बैठे हुए साथी हैं उनके लिए यह स्वर्णिम अवसर है। इस सत्र में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाय, इस पराजय से सीखकर, पिछले नौ साल में चलाई गई नकारात्मकता की प्रवृत्ति को छोड़कर, इस सत्र में अगर सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश उनकी तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलेगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि वे (विरोधी दल) विपक्ष में हैं, फिर भी वह उन्हें सकारात्मक सुझाव दे रहे हैं कि सकारात्मक के साथ ही हर किसी का भविष्य उज्ज्वल है और उन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है।