Tuesday, March 18, 2025
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भूपेश बघेल को सता रहा ‘आप’ का डर- कोमल हुपेंडी

जनता तय करेगी कौन A टीम और कौन B टीम है इस बार प्रदेश में बनेगी एक ईमानदार सरकार- कोमल हुपेंडी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आम आदमी पार्टी (आप) को बीजेपी से जोड़ने वाली हालिया बयान पर आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कड़ी आलोचना व्यक्त की है। ‘आप’ को भाजपा की बी टीम वाले बयान पर पलटवार करते हुए हुपेंडी ने कहा, भूपेश बघेल को आम आदमी पार्टी का डर सता रहा है। हम 90 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, इससे भूपेश बघेल घबराए हुए हैं।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को आड़े हाथों लेते हुए आप अध्यक्ष कोमल हुपेंडी कोमल हुपेंडी ने कहा कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी के 90 सीटों पर मजबूत दावेदारी से बघेल घबरा गए हैं। उन्हें विधानसभा चुनाव- 2023 में हार का डर सता रहा है। रही बात ‘ए’ या ‘बी’ टीम की तो ये जनता तय करेगी कि छत्तीसगढ़ में कौन A टीम और कौन B टीम है। साथ ही उन्होंने दावा करते हुए कहा कि इस बार प्रदेश में एक ईमानदार सरकार बन रही है।

‘आप’ की 90 सीटों पर मजबूत दावेदारी से घबराए हुए हैं भूपेश बघेल- कोमल हुपेंडी

कोमल हुपेंडी ने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी शासनकाल के बाद कांग्रेस की भूपेश सरकार आने के बाद भी प्रदेश में अन्य वर्गों के साथ-साथ आदिवासियों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खुलेआम आदिवासियों के हक और अधिकारों को छीना जा रहा है। इसलिए बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश के आदिवासी समाज को जागरूक होना पड़ेगा, यही प्रमुख कारण भी है कि ‘आप’ के साथ आदिवासी समाज चुनाव लड़ने के लिए अब एकजुट हो रहा है।

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कोमल हुपेंडी ने कहा कि बीजेपी शासनकाल के बाद कांग्रेस की वर्तमान सरकार के साढ़े चार साल से ज्यादा के कार्यकाल में आदिवासियों के साथ लगातार भेदभाव किया गया। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के जल, जंगल, जमीन छीने जा रहे हैं। लंबे समय से बस्तर के साथ-साथ पूरे प्रदेश के आदिवासी अपना हक पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनने वाला नहीं है।

‘आप’ प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के वाजिब मुद्दों पर काम न कर पाने से मलाल और आत्मग्लानी में भरे हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उल्टा-सीधा बोल रहे हैं, लेकिन अब काफी देर हो चुकी है। प्रदेशवासी उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं। आदिवासी समाज विधानसभा में भी विकसित आदिवासी अस्मिता की उत्थान के लिए वोट देकर अपनी रणनीति को मूर्त और साकार रूप जरूर देगी।

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