अजय श्रीवास्तव /रायपुर। प्रदेश में 2018 के पहले की पूर्ववर्ती भाजपा के समय से चल रहा हसदेव अरण्य आंदोलन जहां कांग्रेस सरकार में कमजोर पड़ा जरुर था लेकिन समाप्त नहीं हुआ। लेकिन आज वहां अनेक सालों से आंदोलनरत आदिवासीयों को आज पुलिस ने जेल भेज दिया है, जिसे लेकर किसान नेता राकेश टिकैट का बयान आया है उन्होंने अपने बयान का वीडियो जारी किया है।
बता दें कि सरगुजा संभाग में खुल रही अडानी एवं अन्य बड़े उद्योगपतियों को खुली कोयला खदानों की अनुमति केन्द्र सरकार ने दे दी है। लेकिन जब से खदानों की अनुमति मिली है तब से वहां के रहने वाले आदिवासी आंदोलनरत हैं। टिकैट ने जारी वीडियो में कहा , कि एक और केंद्रीय पर्यावरण विभाग कहता है, कि यहां पर्यावरण का कोई नुकसान नहीं है लेकिन सरगुजा संभाग के अंबिकापुर के पास जो घने जंगल है। जहां बड़ी संख्या में सालों से आदिवासी निवास करते आ रहे हैं और वे अपनी जल जंगल और जमीन के बचाव के लिए आंदोलनरत हैं ,उन्हें अभी कुछ दिन पूर्व बनी भाजपा सरकार ने जबरदस्ती आंदोलन स्थल से उठाकर जेल में बंद किया जा रहा है।
भाजपा सरकार ने जबरदस्ती आंदोलनकारियों को कर रहे जेल में बंद : राकेश टिकैत
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा क्या यह सरकार बनने के बाद उनका यह पहले ही कार्य था, कि जल जंगल और किसानों की जमीन के बचाव लिए लड़ने वालों को जो तीन स्थानों पर बैठे आंदोलनकारियों को जबरन किसी अपराध के जेल भेजा जा रहा है। जबकि इस प्रदेश का मुखिया स्वयं आदिवासी समाज से आता है हम फिर एक बार हसदेव के जंगलों में जाएंगे और आंदोलन कार्यों का सहयोग करेंगे इन आदिवासियों को जो आंदोलन कर रहे हैं अपनी जल,जंगल,जमीन के बचाव के लिए उन्हें नक्सली बताने में भी सरकार कोर कसर नहीं छोड़ रही है।
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आप जो भी सरकार प्रदेश में बन रही है और इस तरह भाजपा की सरकार जो अडानी और अंबानी को जंगल की बेस कीमती जमीन सौंपने का काम कर रही है। अगर हमें आने वाले पीढ़ी के लिए जल जंगल एवं किसानों जमीन बचाना है हम सब को साथ देना होगा। राकेश टिकैत पहले भी हसदेव जा चुके हैं और हसदेव बचाओ आंदोलन का समर्थन करते रहे हैं।