अजय श्रीवास्तव /रायपुर। देश में रहने वाले हर नागरिक की पहचान के लिए केंद्र सरकार के द्वारा बनाया गया आधार कार्ड है ठीक उसी तरह देश के सभी प्रति के शिक्षा प्राप्त करने वाले सभी विषयों के छात्रों के लिए केन्द्र सरकार का ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ लाइव पोर्टल की शुरुआत होने जा आ रहा है।
इस लाइव पोर्टल के सहारे केन्द्र सरकार विभिन्न उच्च शिक्षा निकायों के डेटा को एक पोर्टल के तहत एकत्र किया जाएगा। जानकारी अनुसार इसके अलावा इसके तहत देश भर के शैक्षणिक संस्थानों द्वारा जमा किए गए डेटा को प्रमाणित करने के लिए एक ‘पीयर क्राउडसोर्सिंग’ सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जा रहा है।
क्यों जरुरत पढ़ गयी ‘वन नेशन वन स्टूडेंट’ आईडी बनाने की
‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ की पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 से ली गई है। इस पहल के के अंतर्गत आने वाले सभी छात्रों, शिक्षकों के साथ-साथ पूर्व-प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक के संस्थानों को अद्वितीय आधार-सत्यापित डिजिटल आईडी जारी की जायेगी । वर्तमान में, उच्च शिक्षा प्रणाली में 12 अंकों की विशिष्ट पहचान संख्या – स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (APAAR) आईडी पहल शुरू की गई थी। जहां अभी 2 करोड़ से अधिक छात्रों को आईडी जारी की जारी होने जा रही हैं। इसे जल्द ही स्कूली छात्रों, शिक्षकों और सभी शैक्षणिक संस्थानों तक भी विस्तारित किया जाएगा।
शिक्षा मंत्रालय के तहत गठित एक प्रभाग, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी फोरम (NETF) के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि हालांकि आईडी जारी करना शुरू हो गया है। लेकिन डिजिटल प्लेटफॉर्म अब सभी जानकारी संग्रहीत की जाएगी, फरवरी में लॉन्च होने जा रहा है।
ज्ञवन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ से क्या फायदा होगा
वहीं इस फील्ड से जुड़े जानकारों का मानना है कि उच्च शिक्षा प्रणाली में संस्थानों का डेटा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC ), एक नियामक संस्था, राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद ( NAC ) राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क ( NIRF ) और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड सहित विभिन्न अन्य एजेंसियों द्वारा बनाए रखा जाता है।
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इस पोर्टल के जारी होने से मान्यता प्राप्त एवं स्वचलित रुप से मान्यता प्राप्त रैंकिंग ऐजेन्सियों को एक ही माध्यम से संपूर्ण डेटा की जानकारी मिलने में मददगार होगी। एक्सपर्ट लोगों का मानना ऐसे में सबसे बड़ी चुनौती इस डेटा को प्रमाणित करना होगा जिसके लिए NETF एक ‘पीयर क्राउडसोर्सिंग’ सॉफ्टवेयर विकसित कर रहा है।